स्विट्जरलैंड से मिले आंकड़ों के अनुसार विश्व के सभी देशों के काले धन से ज्यादा अकेले भारत का काला धन स्विस बैंकों में जमा है। स्विस बैंकों में कुल जमा भारतीय रकम 66,000 अरब रुपए(1500 बिलियन डॉलर) है। स्विस बैंकिंग ऐसोसिएशन की 2008 की रिपोर्ट, जो अब जारी की गई है के अनुसार भारत के बाद काला धन जमा करने में रूस, 470 बिलियन डॉलर, ब्रिटेन, 390 बिलियन डॉलर और यूक्रेन 100 बिलियन डॉलर का नंबर है। इन देशों के अलावा बाकी विश्व के अन्य सभी देशों का मिला जुला काला धन 300 बिलियन डॉलर है। भारत से लंबे समय से विदेशों में पैसा जमा किया जाता है। स्विट्जरलैंड तो केवल एक देश है, इसके अलावा कई देशों में भारतीयों का धन जमा है। ये देश वे देश हैं जहां सरकारें खुद इस तरह की कमाई को जमा करने के लिए प्रोत्साहन देते हैं। यह कारा धन भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, आईएएस, आईपीएस और उद्योगपतियों का माना जाता है।
यह रकम भारत पर कुल विदेशी कर्जे का 13 गुना है। हर साल यह रकम तेजी से बढ़ रही है लेकिन सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।भारत में करीब 45 करोड़(450 मिलियन) लोग गरीबी रेखा से नीचे का जीवन बिता रहे हैं। उनकी रोजाना की औसत आमदनी 50 रुपयों से कुछ ही ज्यादा है। यदि भारत का विदेशों में जमा काला धन भारत याला जाता है तो केवल कुछ ही घंटों में देश की काया पलट हो सकती है। न केवल गरीबों का जीवन स्तर सुधरेगा बल्कि विदेशों का सारा कर्ज भी उतर जाएगा। और यदि पूरे देश पर कोई कर नहीं लगाया जाए तो भी सरकार अपनी मुद्रा को अगले 30 साल तक स्थिर रख सकती है। भारत से औसतन 80,000 लोग हर साल स्विट्जरलैंड की यात्रा करते हैं और इनमें से 25,000 लोग अक्सर ही इस देश की यात्रा पर जाते हैं। सरकार यदि केवल इन 25,000 लोगों पर ही कड़ी नजर रखे तो काफी कुछ खुलासा हो सकता है। हालांकि स्विट्जरलैंड सरकार ने इस मामले में पहले भी भारत की मदद नहीं की है लेकिन यदि भारत सरकार लगातार दबाव बनाए तो भारत को इन भ्रष्ट तत्वों की जानकारी मिल सकती है। -साभार लोकमंच डोट कोम
यह रकम भारत पर कुल विदेशी कर्जे का 13 गुना है। हर साल यह रकम तेजी से बढ़ रही है लेकिन सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।भारत में करीब 45 करोड़(450 मिलियन) लोग गरीबी रेखा से नीचे का जीवन बिता रहे हैं। उनकी रोजाना की औसत आमदनी 50 रुपयों से कुछ ही ज्यादा है। यदि भारत का विदेशों में जमा काला धन भारत याला जाता है तो केवल कुछ ही घंटों में देश की काया पलट हो सकती है। न केवल गरीबों का जीवन स्तर सुधरेगा बल्कि विदेशों का सारा कर्ज भी उतर जाएगा। और यदि पूरे देश पर कोई कर नहीं लगाया जाए तो भी सरकार अपनी मुद्रा को अगले 30 साल तक स्थिर रख सकती है। भारत से औसतन 80,000 लोग हर साल स्विट्जरलैंड की यात्रा करते हैं और इनमें से 25,000 लोग अक्सर ही इस देश की यात्रा पर जाते हैं। सरकार यदि केवल इन 25,000 लोगों पर ही कड़ी नजर रखे तो काफी कुछ खुलासा हो सकता है। हालांकि स्विट्जरलैंड सरकार ने इस मामले में पहले भी भारत की मदद नहीं की है लेकिन यदि भारत सरकार लगातार दबाव बनाए तो भारत को इन भ्रष्ट तत्वों की जानकारी मिल सकती है। -साभार लोकमंच डोट कोम
आपके ब्लाग पर आकार अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंइंग्लिश की क्लास
जवाब देंहटाएंChandar Meher
Good One, Please remove Word Verification...
जवाब देंहटाएंChandar Meher
भैया, पढा नहीं जा रहा है:)
जवाब देंहटाएंमित्र आप और आपकी तरह से अनेक साथी ब्लॉग पर लिख रहे हैं। किसी ने किसी स्तर पर इसका समाज पर असर होता है। जिससे देश की ताकत और मानवता को मजबूती मिलती है, लेकिन भ्रष्टाचार का काला नाग सब कुछ चट कर जाता है। क्या इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत नहीं है? भ्रष्टाचार से केवल सीधे तौर पर आहत लोग ही परेशान हों ऐसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार वो सांप है जो उसे पालने वालों को भी नहीं पहचानता। भ्र्रष्टाचार रूपी काला नाग कब किसको डस ले, इसका कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता! भ्रष्टाचार हर एक व्यक्ति के जीवन के लिये खतरा है। अत: हर व्यक्ति को इसे आज नहीं तो कल रोकने के लिये आगे आना ही होगा, तो फिर इसकी शुरुआत आज ही क्यों न की जाये?
जवाब देंहटाएंइसी दिशा में कुछ सुझाव एवं समाधान सुझाने के छोटे से प्रयास के रूप में-
"रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार!"
आलेख निम्न ब्लॉग्स पर पढा जा सकता है?
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.mywebdunia.com/2010/11/17/90_1289972520000.html
Yours.
Dr. Purushottam Meena 'Nirankush
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