अन्ना के आंदोलन से मिला गांधी टोपी को नया जीवन




भ्रष्टाचार के खिलाफ 12 दिन तक अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन ने गांधी टोपी को एक नया जीवन दे दिया। अन्ना के रामलीला मैदान पर अनशन के दौरान गांधी टोपी की बिक्री धड़ल्ले से हुई, वहीं तिरंगे की मांग इतनी बढ़ गई कि व्यापारियों ने पिछले कुछ सालों से बचा अपना पूरा स्टॉक खपा दिया।
राजधानी के प्रमुख थोक बाजार सदर बाजार में चुनाव सामग्री का कारोबार करने वाले व्यापारियों का कहना है कि आंदोलन के दौरान अकेले दिल्ली में ही ढाई-तीन लाख गांधी टोपियां बिकीं। कुछ मांग आसपास के राज्यों से भी आई, पर बिक्री का मुख्य केंद्र अनशन स्थल रामलीला मैदान ही रहा।
कृष्णा प्रिंटर्स के गुलशन भाई कहते हैं कि अन्ना हजारे के आंदोलन से एक बात जरुर हुई है कि जिस गांधी टोपी को कुछ समय पहले तक कोई पूछता नहीं था, उसे पुनर्जीवन मिल गया। अन्ना के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान गांधी टोपी संघर्ष का प्रतीक बन गई। हालांकि, आंदोलन के दौरान ढाई तीन लाख गांधी टोपियां बिकी हैं, पर अब चुनाव के समय इसकी और मांग बढ़ने की उम्मीद है।
गुलशन भाई का कहना है कि चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों की ओर से इस टोपी की मांग आने की उम्मीद है। ऐसे में दिसंबर से हम विभिन्न दलों के रंगों वाली गांधी टोपी बनवाना शुरू करेंगे





-साभार -हिंदुस्तान लाइव

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