बाबा रामदेव के वक्तव्य से उत्तराखण्ड में भूचाल

त्तराखण्ड के एक मंत्री द्वारा बाबा रामदेव से 2 करोड रूपये की रिश्वत मांगे जाने के आरोप पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बी.सी. खंडूरी ने सख्त नाराजगी जताते हुए बाबा रामदेव से कहा कि उन्होंने आखिर उनके कार्यकाल के दौरान इस घूस मांगने के मामले का खुलासा क्यों नहीं किया। अब उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की समाप्ति के बाद भ्रष्टाचार से संबंधित क्यों इस मामले को लाया जा रहा है। जनरल खंडूरी ने बाबा रामदेव से स्पष्ट कहा कि वे सीधे-सीधे मंत्री के नाम का खुलासा करें ताकि आगे की कार्यवाही को अंजाम दिया जा सके। चार पश्नों का जवाब खंडूरी ने बाबा रामदेव से मांगा है। विश्व विख्यात बाबा रामदेव के उस आरोप अथवा सवाल पर पूरे उत्तराखण्ड में सियासी भूचाल आ गया है। जिसमें उन्होंने यह कहा कि राज्य के एक मंत्री ने उनसे करीब 2 वर्ष पूर्व 2 करोड रूपये की रिश्वत मांगी थी। इस आरोप ने उत्तराखण्ड की सरकार को भी अपत्यक्ष रूप से कटघरे में खडा कर दिया है। करीब 2 वर्ष पूर्व के समय काल के दौरान रिश्वत मांगने के इस आरोप से पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द खंडूरी जिस तरह से सीधे कटघरे में ला खडे किए गए उसी आरोप का खुलासा करने के लिए जनरल खंडूरी ने अचानक मीडिया को राजधानी में बुलाकर अपना पक्ष रखा तथा रामदेव से चार सवालों का जवाब तलब कर डाला। इनमें पहला सवाल यह है कि रामदेव उस मंत्री का नाम बताएं जिसने उनसे 2 करोड रूपये मांगे थे ? दूसरा सवाल क्या उन्होंने 2 करोड रूपये की यह रिश्वत दे दी थी ? तीसरा सवाल रूपये मांगने की घटना की तिथि का खुलासा बाबा रामदेव तत्काल करें ? तथा इसके अलावा चौथा सवाल जनरल खंडूरी ने रामदेव से यह किया है कि उन्होंने कब और किस मुख्यमंत्री से मंत्री की शिकायत की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पुरानी फौजी शैली वाले अंदाज में राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वे सदैव ही भ्रष्टाचार के विरोधी रहे है। अपने मुख्यमंत्रित्व 2 वर्षीय बीते हुए कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने भ्रष्टाचार को राज्य के अंदर पनपने नहीं दिया। चाहे वह सेंटर में मंत्री रहे हो या फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे हो, उन्होंने भ्रष्टाचार को कभी भी फटकने नहीं दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार मामलों के लगातार उजागर होने से राज्य की छवि पर विपरित असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लोग मेहनती एवं ईमानदार है उनके राज्य की छवि भ्रष्टाचार की नहीं बननी चाहिये। जनरल ने पत्रकारों के सम्मुख कहा कि स्वामी रामदेव द्वारा उठाये गये इस मुददे सहित जितने भी भ्रष्टाचार के मुददे इस राज्य में उठ रहे है उनकी किसी उच्च एवं स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाकर दोषियों को दण्डित किया जाना चाहिये। vidit ho 18 नवम्बर 2010 (कल) कतिपय टीवी चैनलों पर योग गुरू स्वामी रामदेव का वक्तव्य पसारित हुआ था, इस वक्तव्य में रामदेव ने खुलासा किया कि उत्तराखण्ड के एक मंत्री ने उनसे 2 करोड़ रूपये रिश्वत की मांग की थी। इस घटना की शिकायत उस समय के मुख्यमंत्री से की तो सीएम ने कहा कि मंत्री को राशि चंदे के रूप में मांगनी चाहिये थी। जनरल का यह भी कहना है कि इस वक्तव्य के कुछ देर बाद एक टीवी चैनल ने पंतजलि yogapiith के महामंत्री वैद्य बालकृष्ण से पश्न किये कि यह घटना कब की है, मंत्री कौन थे ? रिश्वत किस काम को करने के लिये मांगी गयी। पश्नों के जवाब में बालकृष्ण ने उत्तर दिया कि घटना डेढ-दो वर्ष पुरानी है। मंत्री के नाम का खुलासा बाद में किया जायेगा। आश्रम में दवाईयां आदि विभिन्न पकार की सामग्री आदि बनायी जाती है। उनके लिये अलग-अलग लाईसेंस आदि की आवश्यकता पड़ती है। यह रिश्वत उसके एवज में ही मांगी गयी थी ? पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री के साथ पकाश सुमन ध्यानी, उमेश अग्रवाल, विश्वास डावर, डा. देवेन्द भसीन, रविन्द जुगरान, पेम बडाकोटि, पूर्व शिक्षा मंत्री तिरथ सिंह रावत, मोहन लाल , धीरेन्द कण्डारी, ऋषिराज डबराल, भाजपा पदेश पवक्ता मुकेश महेन्दु आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। -sabhaar virarjun.com

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