क्राइम रिपोर्ट


 नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार


नई दिल्ली. मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करने का सिलसिला लगातार जारी है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवा बनाने वाली एक फैक्ट्री का भंडाफोड करते हुए कई नामी दवा कंपनियों के ब्रांड की दवाएं बरामद की है, जिनकी कीमत करीब 24 लाख रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने इस संबंध में तीन लोगों को हिरासत में लिया है. फिलहाल इनसे पूछताछ जारी है.


पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) अशोक चांद ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि राजधानी में नकली दवाओं का कारोबार जोरों पर है. इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि नकली दवाओं का सप्लाई करने के लिए कुछ लोग पुरानी दिल्ली आने वाले हैं. पुलिस ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास से दो लोगों को नकली दवाओं के साथ गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान दया शंकर और दिनेश साहू के रूप में हुई.

पूछताछ में पता चला कि दया शंकर फरीदाबाद में फैक्ट्री बना रखी है, जहां इन दवाओं को बनाया जाता है. पुलिस ने छापा मार कर फैक्ट्री को सीज कर दिया और वहां से एक अन्य आरोपी मोती लाल को गिरफ्तार कर लिया. इनके द्वारा निर्मित दवाएं और असली दवाओं के दाम में जमीन-आसमान का अंतर होता था. ये काफी सस्ते दामों पर दवाओं को बेचते थे. पूछताछ में दया शंकर ने बताया कि कई राज्यों में इनकी दवाएं सप्लाई की जाती थी.

  जाली नोटों का कारोबार, दिल्ली में दो दर्जी गिरफ्तार



नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पेशे से दर्जी दो व्यक्तियों को नेपाल से लाये गए दो लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को दिल्ली के खयाला में रहने वाले चंपारन के 32 वर्षीय कौसर अली और मोतिहारी के भोला कुमार को गिरफ्त में ले लिया है।पुलिस के अनुसार ये दोनों पेशे से दर्जी है और अक्सर जाली नोटों को लेने के लिए नेपाल जाते रहते है। इन दोनों के पास से ही 1000 और 500 रुपये मूल्य के 2000 नोट मिले है।


गौरतलब है कि गत छ मार्च को दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के खान मार्केट से तीन युवकों को गिरफ्तार कर दस लाख रुपये के जाली नोट बरामद किये है। इन युवकों की पहचान 32 वर्षीय युनुस, 26 वर्षीय सिराजुद्दीन और 26 बरस के मोह्हम्मद आसिफ के रूप में हुई है।

ज्ञात हो कि इस समय देश में 16000 करोड़ रुपये के जाली नोट चलन में है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा जारी वर्ष 2011 की अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण रणनीति संबंधी रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत जाली नोटों की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है।



                    
                                   ‘महिला नक्सलियों का यौन शोषण करते हैं नक्सली नेता’
लोहरदग्गा,नक्सली नेता अपनी महिला साथियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। यह खुलासा किया है एक महिला नक्सली कार्यकर्ता और सीपीआई (माओवादी) की सक्रिय सदस्य सुनीता कुमारी उर्फ शांति ने वरिष्ठ नेताओं पर साथी महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। सुनीता कुमारी का कहना है कि सीपीआई (माओवादी) की कोयल-शंख जोन कमिटी के नेता कमिटी की महिलाओ का यौन उत्पीड़न करते हैं। सुनीता कुमारी उर्फ शांति ने यह बयान लोहरदग्गा पुलिस के सामने दिया है। सुनीता कुमारी को लोहरदग्गा पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। लोहरदगा के एसडीपीओ राम गुलाम शर्मा ने कहा कि 22 साल की सुनीता की पुलिस को कई मामलों में तलाश थी। उन्होंने बताया कि अक्षय खेरवार की अगुवाई वाले नक्सली समूह की सदस्य के रूप में सुनीता नक्सलियों के लिए बंकर बनाने और बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले तार वगैरह को छुपाने का काम करती थी। पुलिस ने 11 मार्च को विस्फोटकों में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें बरामद की थीं। एसडीपीओ के मुताबिक, श्सुनीता ने बताया है कि उसे नक्सली नेता अक्षय खेरवार ने जबर्दस्ती नक्सली बना दिया। सुनीता ने बताया है कि होली के दौरान जब वह पुतरार गांव में थी, तभी अक्षय उसे अपने साथ ले गया। सुनीता ने उन महिलाओं के नाम भी बताए, जिन्हें इसी तरह जबर्दस्ती ले जाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। इनमें सीमा, सीतामुनी, रेखा और रेहाना शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, ‘सुनीता को एकलाल लोहरा के साथ छत्तीसगढ़ भी भेजा गया था, जहां उसे विशेष ट्रेनिंग दी गई। इस ट्रेनिंग के दौरान सिर्फ यह सिखाने के लिए कि किस तरह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाना है, नक्सलियों ने पुलिस की एक जीप उड़ा दी थी, जिसमें पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।’ पुलिस के अनुसार, श्सुनीता ने यह स्वीकार किया है कि उसके साथ ही अन्य लड़कियों का यौन उत्पीड़न कई बार हो चुका है। सुनीता ने यह भी बताया कि उसका एक बार सदर अस्पताल के पास मौजूद एक नर्सिंग होम में गर्भपात भी कराया गया था। इसके लिए अक्षय ने 15 हजार रुपये खर्च किए थे। इसके अलावा अक्षय ने राजस्थान में सुनीता के एक महीने तक रहने का इंतजाम भी कराया था। जब एक लड़की नक्सलियों के चंगुल से रिहा होकर घर भागना चाहती थी तब सुनीता ने नक्सली नेता के ही कहने पर उसे गोली मार दी थी।
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