नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी लोकायुक्त की जांच के घेरे में फंसते नजर आ रहे हैं। लोकायुक्त न्यायाधीश एनके मेहरोत्रा ने प्राथमिक स्तर पर उनके और उनकी पत्नी विधान परिषद सदस्य हुस्ना सिद्दीकी के खिलाफ दाखिल शिकायतों को मजबूत पाया है। मंगलवार को दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर मुख्यमंत्री मायावती को सूचना दे दी गई। नसीमुद्दीन को नोटिस जारी कर 28 दिसंबर तक जवाब मांगा गया है।

गौरतलब है कि नसीमुद्दीन के खिलाफ आशीष कुमार दीक्षित और पत्नी हुस्ना सिद्दीकी के खिलाफ लखनऊ निवासी जगदीश नारायण शुक्ला ने अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं। आशीष ने नसीमुद्दीन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बांदा और उसके आसपास अपने परिजन-रिश्तेदारों के नाम खनन पंट्टे जारी कराए। इसके साथ ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और कई जगह अवैध कब्जे किए। जगदीश नारायण ने हुस्ना सिद्दीकी पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाराबंकी में क्यूएफ फाउंडेशन के नाम पर कृषि भूमि दर्शाते हुए अकूत संपत्ति खरीदी। यह भी कहा कि विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़ते समय दिए गए हलफनामे में हुस्ना ने अपनी तमाम संपत्तियां छिपा ली हैं।

लोकायुक्त ने बताया कि दोनों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए प्राथमिक स्तर पर पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। इस बात की पड़ताल की जा रही है कि कितनी जमीन का पंट्टा दिया गया या कितनी जमीन पर कब्जा किया गया।

कुशवाहा के खिलाफ भी मिले साक्ष्य

लोकायुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ भी अपने परिजनों को खनन पंट्टे देने के आरोपों के प्राथमिक साक्ष्य मिले हैं। अभी उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया है।

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