उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सादाबाद में करीब पांच साल से अपनी घरवाली व बच्चों को पाने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहा श्रीराम अब मुख्यमंत्री से न्याय की आस रख रहा है। यदि अब भी उसे इंसाफ न मिला तो वह 26 जनवरी से विधान सभा भवन के सामने लखनऊ में आमरण अनशन करेगा इस आशय की जानकारी उसके द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में की है।
मूलरूप से ग्राम कुरसण्डा का निवासी श्रीराम ने भेजे गये पत्र में कहा है कि उसकी शादी 18 वर्ष पूर्व गुडडी देवी नामक महिला के साथ हुई थी । जो कि थाना टप्पल के गांव धाधौली के राधालाल की पुत्री थी । गुडडी देवी से उसे चार संतानें मिली । वह परिवार का पालन पोषण करने हेतु मजदूरी करने के लिये वाहर रहता था । इसी दौरान उसकी पत्नी के कुछ लोगों से अवैध सम्बन्ध हो गये । तथा वह अपने प्रेमी के साथ भाग गयी । जब उसने अपनी पत्नी की खोजबीन की तो उसे जान से मारने की धमकी दी तथा मारपीटकर उसके सात हजार रूपये भी ले गये । जिसकी जानकारी उसने 3 सितम्बर 2006 को थाना सादाबाद में दी लेकिन सादाबाद पुलिस द्वारा उसे उल्टा ही बंद कर दिया गया । और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई। अपनी पत्नी व बच्चों को पाने के लिये 30 नवम्बर 2006 को हाथरस में उसने आमरण अनशन भी किया लेकिन उसे आश्वासन देकर उठा दिया गया । लेकिन आरोपियों के खिलाफ भी फिर भी कोई कार्यवाही नही हुई। बाद में उसकी पत्नी अपने कुछ लोगों के साथ आयी और मकान बिकवाने पैसा देने का दवाव डाला तो उसके द्वारा असमर्थता दिखाने पर वह बच्चों को भी साथ ले गयी । उसकी पत्नी स्वयं तथा बच्चों से जबरन होटलों पर काम कराती है।
( साभार देनिक जागरण )
मूलरूप से ग्राम कुरसण्डा का निवासी श्रीराम ने भेजे गये पत्र में कहा है कि उसकी शादी 18 वर्ष पूर्व गुडडी देवी नामक महिला के साथ हुई थी । जो कि थाना टप्पल के गांव धाधौली के राधालाल की पुत्री थी । गुडडी देवी से उसे चार संतानें मिली । वह परिवार का पालन पोषण करने हेतु मजदूरी करने के लिये वाहर रहता था । इसी दौरान उसकी पत्नी के कुछ लोगों से अवैध सम्बन्ध हो गये । तथा वह अपने प्रेमी के साथ भाग गयी । जब उसने अपनी पत्नी की खोजबीन की तो उसे जान से मारने की धमकी दी तथा मारपीटकर उसके सात हजार रूपये भी ले गये । जिसकी जानकारी उसने 3 सितम्बर 2006 को थाना सादाबाद में दी लेकिन सादाबाद पुलिस द्वारा उसे उल्टा ही बंद कर दिया गया । और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई। अपनी पत्नी व बच्चों को पाने के लिये 30 नवम्बर 2006 को हाथरस में उसने आमरण अनशन भी किया लेकिन उसे आश्वासन देकर उठा दिया गया । लेकिन आरोपियों के खिलाफ भी फिर भी कोई कार्यवाही नही हुई। बाद में उसकी पत्नी अपने कुछ लोगों के साथ आयी और मकान बिकवाने पैसा देने का दवाव डाला तो उसके द्वारा असमर्थता दिखाने पर वह बच्चों को भी साथ ले गयी । उसकी पत्नी स्वयं तथा बच्चों से जबरन होटलों पर काम कराती है।
( साभार देनिक जागरण )
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